Google Ads Account बनाने का Process थोड़ा Tricky हो सकता है, लेकिन अगर आपको सही “सीक्रेट्स” पता हो, तो ये काफ़ी आसान हो जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट Google Ads Account में हम आपको 10 बेस्ट सीक्रेट्स देंगे जो आपको अपने Google Ads Account का पूरा पोटेंशियल अनलॉक करने में मदद करेंगे। अगर आप ऑनलाइन बिज़नेस या अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाना चाहते हैं, तो ये टिप्स आपके लिए हैं।
Table of Contents
Google Ads Account का सही तरीके से सेटअप कैसे करें
Google Ads Account का सही सेटअप करना आपकी Digital marketing strategy का सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। यह आपके बिज़नेस की ऑनलाइन उपस्थिति को बढ़ाने में मदद करता है और सही Audience तक पहुंचने का अवसर देता है। जब आप Google Ads Account बनाते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने बिज़नेस के Specific goals सेट करने होते हैं। Goals को ध्यान में रखते हुए, आप यह तय कर सकते हैं कि क्या आप sales बढ़ाना चाहते हैं, Website traffic लाना चाहते हैं या Brand awareness बढ़ानी है।
इसके बाद, आपको सही Campaign बनाना होता है। Campaign बनाने के दौरान, आपको Ad type, Target audience, location, और Budget जैसी चीजों पर फोकस करना चाहिए। सही keywords का चयन भी बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यही वो शब्द होते हैं जिन्हें Users सर्च करते हैं और आपकी Ads दिखाई देती हैं।
Google Ads में आपको Conversion tracking जैसे Tools का उपयोग करना चाहिए, जिससे आप यह समझ सकें कि आपकी Ads कितनी प्रभावी हैं। इसके अलावा, Campaign को नियमित रूप से मॉनिटर करना भी ज़रूरी होता है ताकि आप Performance को Improve कर सकें। सही सेटअप और मॉनिटरिंग से ही आप Google Ads का पूरा पोटेंशियल अनलॉक कर सकते हैं और अपने मार्केटिंग Goals को अचीव कर सकते हैं।
Google Ads Account कीवर्ड्स का महत्व समझें
Google Ads Account में कीवर्ड्स एक अहम भूमिका निभाते हैं। कीवर्ड्स वो शब्द होते हैं जो लोग सर्च इंजन पर टाइप करते हैं जब वे किसी प्रोडक्ट, सर्विस या जानकारी की तलाश कर रहे होते हैं। सही कीवर्ड्स का चयन आपकी Ads की Visibility को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे आप अपने टारगेट Audience तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
सही कीवर्ड्स चुनने के लिए, सबसे पहले आपको अपने बिज़नेस और प्रोडक्ट से जुड़े मुख्य शब्दों की पहचान करनी होगी। इसके लिए आप Keyword Planner जैसे टूल्स का उपयोग कर सकते हैं जो आपको ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और उनके सर्च वॉल्यूम के बारे में जानकारी देते हैं। कीवर्ड्स को सेलेक्ट करते समय ध्यान रखें कि आपको केवल High Volume keywords ही नहीं, बल्कि long-tail keywords का भी उपयोग करना चाहिए। ये कम प्रतिस्पर्धा वाले कीवर्ड्स होते हैं, लेकिन आपके Potential customers को बेहतर ढंग से Target कर सकते हैं।
इसके अलावा, Negative keywords का भी ध्यान रखें, जो उन शब्दों को फिल्टर करते हैं जिन्हें आप अपनी Ads में नहीं दिखाना चाहते। इससे आपकी Ads अधिक Relevant audience तक पहुंचेंगी, और आपका Click-Through Rate (CTR) बेहतर होगा। सही कीवर्ड स्ट्रेटेजी से आप अपने बिज़नेस की ग्रोथ को तेज़ी से बढ़ा सकते हैं और अपनी Ads का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
Google Ads Account में Target Audience को सही से सेलेक्ट करना
सही audience तक Ad पहुँचाना किसी भी Google Ads campaign की सफलता के लिए बहुत ज़रूरी होता है। अगर आपकी Ad सही लोगों तक नहीं पहुँच पाई, तो उसका प्रभाव कम हो जाता है, चाहे आपकी ad कितनी भी आकर्षक क्यों न हो। Target Audience को सही ढंग से सेलेक्ट करना आपके Ad की सफलता का एक मुख्य कारक है।
Google Ads में audience को Target करने के कई Options होते हैं। सबसे पहले, आप Demographics जैसे Age, Gender, location, और Income level के आधार पर अपने Audience को चुन सकते हैं। इसके अलावा, आप Interests और Behaviors के आधार पर भी लोगों को Target कर सकते हैं, जिससे आपकी Ad उन लोगों तक पहुँचेगी जो आपके प्रोडक्ट या सर्विस में रुचि रखते हैं।
आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप Remarketing का सही तरीके से उपयोग कर रहे हैं। Remarketing उन Users को Target करता है जो पहले से ही आपकी वेबसाइट पर विज़िट कर चुके हैं या आपके प्रोडक्ट के साथ Interact कर चुके हैं। इससे आपकी Ad की Relevance बढ़ जाती है और Conversion का मौका अधिक होता है।
इसके साथ ही, Ad Scheduling और Device targeting का उपयोग करके आप अपने Ads को उस समय और डिवाइस पर दिखा सकते हैं, जब आपके Target Audience सबसे ज़्यादा Active होते हैं। सही Audience तक Ad पहुँचाकर आप अपने बिज़नेस के लिए बेहतर परिणाम पा सकते हैं।
Google Ads Account में Ad कॉपी को कैसे लिखें जो कन्वर्ट करे
Google Ads Account में Ad कॉपी आपके प्रोडक्ट या सर्विस का पहला इंप्रेशन होती है, और यह तय करती है कि User आपके Ad पर क्लिक करेगा या नहीं। एक प्रभावी Ad कॉपी लिखना बेहद ज़रूरी होता है क्योंकि यह आपके click -Through Rate (CTR) और Conversion को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Ad कॉपी लिखते समय सबसे पहले आपको ध्यान रखना चाहिए कि यह Concise और Clear हो। कॉपी को ऐसा बनाएं कि वह तुरंत आपके Potential Customers का ध्यान खींचे। Headline सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, इसलिए इसे Catchy और Relevant रखें। हेडलाइन में प्रमुख keywords का उपयोग करें ताकि User को तुरंत समझ आ सके कि आपकी Ad किस बारे में है।
इसके अलावा, Call-To-Action (CTA) का सही इस्तेमाल करें। CTA users को यह बताता है कि उन्हें अगला कदम क्या उठाना चाहिए, जैसे “Buy Now”, “Learn More”, या “Sign Up Today”। एक मजबूत CTA आपकी ad की प्रभावशीलता को बढ़ा सकता है और अधिक conversions दिला सकता है।
Ad कॉपी में Benefits और Features को हाइलाइट करें, ताकि Users को यह समझ में आए कि आपके प्रोडक्ट या सर्विस से उन्हें क्या फायदा होगा। साथ ही, समय-समय पर A/B testing करके अलग-अलग कॉपी का प्रदर्शन देखें, ताकि आप अपनी Ad को और बेहतर बना सकें।
Google Ads Account men Conversion Tracking सेटअप करना
Conversion Tracking एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल है, जो आपको यह जानने में मदद करता है कि आपकी Google Ads कितनी प्रभावी हैं। इसके ज़रिए आप यह ट्रैक कर सकते हैं कि कितने लोग आपकी Ad देखने के बाद आपकी वेबसाइट पर आए और कोई महत्वपूर्ण एक्शन लिया, जैसे कि purchase करना, Sign-up करना, फॉर्म भरना या किसी प्रोडक्ट के लिए Inquiry करना।
Conversion Tracking सेटअप करना आसान है। सबसे पहले, आपको Google Ads Account में एक conversion action सेट करना होता है, जो उस प्रकार की गतिविधि को दर्शाता है जिसे आप ट्रैक करना चाहते हैं। इसके बाद, आपको एक छोटा सा Tracking code (जिसे Conversion tag कहते हैं) अपनी वेबसाइट पर उस पेज पर लगाना होता है जहाँ आप Conversion को ट्रैक करना चाहते हैं।
Conversion Tracking आपको यह समझने में मदद करता है कि कौन-सी Ads और keywords सबसे ज्यादा Effective हैं और कौन-सी Audience segments से आपको ज्यादा Conversions मिल रहे हैं। इससे आप अपने बजट को बेहतर तरीके से Allocate कर सकते हैं और उन Strategies पर फोकस कर सकते हैं जो वास्तव में काम कर रही हैं।
इसके साथ ही, Conversion Tracking का इस्तेमाल करके आप अपने Return on Investment (ROI) को बेहतर बना सकते हैं, क्योंकि इससे आप उन Campaigns को Optimize कर सकते हैं जो सबसे ज्यादा Conversions ला रही हैं। यह टूल आपकी Digital Marketing Efforts को अधिक Impactful बनाता है।
Google Ads Account के लिए Ad एक्सटेंशन्स का उपयोग करें
Ad एक्सटेंशन्स Google Ads में एक बहुत ही प्रभावी टूल हैं, जो आपकी Ad को और ज्यादा इन्फ़ॉर्मेटिव और इंटरेक्टिव बना सकते हैं। Ad एक्सटेंशन्स आपकी Ad में अतिरिक्त जानकारी, जैसे कि फोन नंबर, लोकेशन, प्रोडक्ट लिंक, या विशेष ऑफर्स को जोड़ने का अवसर देते हैं। यह आपकी Ad की विजिबिलिटी और User Engagement को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे आपकी Ad का performance बेहतर होता है।
Ad एक्सटेंशन्स के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि Sitelink Extensions, जो आपको अतिरिक्त वेबपेज लिंक जोड़ने की सुविधा देते हैं। इससे Users को सीधे उस पेज पर पहुंचाया जा सकता है, जहाँ उन्हें सबसे ज्यादा जानकारी मिलेगी। Call extensions आपकी Ad में फोन नंबर जोड़ने की सुविधा देती हैं, जिससे Users सीधे कॉल कर सकते हैं। Location Extensions आपके बिज़नेस का पता दिखाती हैं, जिससे Users को आपके स्टोर तक पहुंचना आसान होता है।
इन एक्सटेंशन्स का इस्तेमाल करने से न केवल आपकी Ad अधिक आकर्षक दिखती है, बल्कि यह आपकी Ad की क्लिक-थ्रू रेट (CTR) को भी बढ़ाता है। सही एक्सटेंशन्स का उपयोग करके आप अपने Potential customers को बेहतर तरीके से टारगेट कर सकते हैं और उनका ध्यान खींच सकते हैं।
अधिक जानकारी और बेहतर Interaction के कारण, Ad एक्सटेंशन्स आपकी Ad की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं और conversion rate में सुधार करते हैं।
Google Ads Account के लिए बजट और बिडिंग को सही से मैनेज करें
Google Ads में आपका Ad बजट कैसे खर्च हो रहा है, इसका सही मैनेजमेंट करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अगर आप अपने बजट और बिडिंग स्ट्रैटेजी को सही से मैनेज करेंगे, तो आपकी Ads की परफॉर्मेंस बेहतर होगी और आपको अधिक Conversions मिल सकते हैं।
सबसे पहले, आपको यह तय करना चाहिए कि आप Daily या monthly कितना खर्च करना चाहते हैं। इस बजट के आधार पर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी Ads सही समय पर सही लोगों तक पहुँच रही हैं। Smart Bidding जैसी ऑटोमैटिक बिडिंग स्ट्रैटेजीज़ का उपयोग करके आप अपने बिड्स को ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं ताकि आपकी Ads अधिक relevant audience तक पहुँचें और Conversion rate बेहतर हो।
बजट मैनेजमेंट में एक और महत्वपूर्ण पहलू है Campaign performance की नियमित मॉनिटरिंग। इससे आप यह जान सकते हैं कि कौन-सी Campaigns बेहतर काम कर रही हैं और कहाँ पर आपको अधिक निवेश करने की ज़रूरत है। Cost-per-click (CPC) और Return on ad spend (ROAS) जैसे मेट्रिक्स पर ध्यान दें, ताकि आप अपने बजट को सही तरीके से Allocate कर सकें।
बजट और बिडिंग स्ट्रैटेजी को सही से मैनेज करने का फायदा यह होता है कि आप अपने Ad spend का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और बेहतर ROI (Return on Investment) प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी Digital marketing efforts को अधिक सफल बनाता है।
Google Ads Account के लिए A/B टेस्टिंग का उपयोग करें
A/B टेस्टिंग Google Ads में एक महत्वपूर्ण टूल है, जिसके ज़रिए आप दो अलग-अलग Ad कॉपीज को कंपेयर कर सकते हैं और यह देख सकते हैं कि कौन सी कॉपी ज्यादा प्रभावी है। A/B टेस्टिंग से आप अपने Ad Campaign को बेहतर बना सकते हैं, क्योंकि यह आपको डेटा के आधार पर सही निर्णय लेने में मदद करता है।
A/B टेस्टिंग के तहत, आप अपनी एक Ad में कुछ बदलाव करते हैं, जैसे कि Headline, Call-To-Action (CTA), या description, और फिर उसे दूसरी Ad कॉपी के साथ कंपेयर करते हैं। इसके बाद, आप दोनों Ads के प्रदर्शन की समीक्षा करते हैं, जिसमें आप यह देख सकते हैं कि किस Ad को ज्यादा click-through rate (CTR) या conversion rate मिल रहा है।
A/B टेस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको यह समझने में मदद करता है कि कौन-सी स्ट्रैटेजी आपकी Audience के लिए सबसे बेहतर काम कर रही है। उदाहरण के लिए, एक कॉपी में आप एक आकर्षक ऑफर दे सकते हैं, जबकि दूसरी में आप User की समस्या का समाधान दिखा सकते हैं। इस तरह, आप यह जान सकते हैं कि आपकी Audience किस तरह की भाषा और प्रस्तुति पर बेहतर प्रतिक्रिया देती है।
A/B टेस्टिंग से मिले Insights के आधार पर आप अपनी Ad कॉपी को और भी बेहतर बना सकते हैं, जिससे आपकी Ads की effectiveness बढ़ेगी और आपको अधिक ROI मिलेगा।
Google Ads Account से नेगेटिव कीवर्ड्स का उपयोग
नेगेटिव कीवर्ड्स का उपयोग Google Ads में एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी है, जिससे आप अपनी Ad को उन Irrelevant सर्चेज़ से बचा सकते हैं, जो आपके बिज़नेस से संबंधित नहीं हैं। इसका मतलब है कि जब भी कोई User आपके नेगेटिव कीवर्ड्स से जुड़ा सर्च करता है, तो आपकी Ad उन्हें नहीं दिखाई जाएगी। यह आपको अपने Ad बजट को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद करता है, जिससे आपका पैसा वेस्ट नहीं होता।
उदाहरण के लिए, अगर आप एक प्रीमियम प्रोडक्ट बेचते हैं, तो आप “सस्ता” जैसे कीवर्ड को नेगेटिव कीवर्ड के रूप में ऐड कर सकते हैं। इस तरह, जो लोग कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स की तलाश में हैं, उन्हें आपकी Ad नहीं दिखाई देगी। इससे आप उन लोगों पर ही फोकस कर पाएंगे, जो वास्तव में आपके प्रोडक्ट या सर्विस में रुचि रखते हैं।
नेगेटिव कीवर्ड्स का सही उपयोग करके आप अपनी Ad की relevance और Click-Through Rate (CTR) को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि आपकी Ad केवल उन्हीं Users को दिखाई देगी जो आपके प्रोडक्ट से संबंधित सर्च कर रहे हैं। इससे न केवल आपकी Ads का परफॉर्मेंस बेहतर होगा, बल्कि आपके Cost-Per-Click (CPC) में भी कमी आएगी, जिससे आपका ROI बेहतर होगा।
इसलिए, नेगेटिव कीवर्ड्स का इस्तेमाल करना एक आवश्यक टूल है जो आपकी Ad Campaigns को अधिक प्रभावी और बजट-फ्रेंडली बनाता है।
Google Ads Account में कंटीन्युअस ऑप्टिमाइज़ेशन कैसे करें
अपनी ऐड्स को नियमित रूप से ऑप्टिमाइज़ करना Google Ads में सफलता की कुंजी है। यह सुनिश्चित करता है कि आपका ऐड कैंपेन हमेशा बेस्ट परफॉर्मेंस दे रहा है और आपके बजट का अधिकतम लाभ उठाया जा रहा है। ऑप्टिमाइज़ेशन के बिना, आपकी ऐड्स पुराने डेटा पर चल सकती हैं, जिससे आपके रिजल्ट्स प्रभावित हो सकते हैं और बजट भी वेस्ट हो सकता है।
पहले, आपको अपनी Ad Performance का नियमित विश्लेषण करना चाहिए। Google Ads में उपलब्ध metrics जैसे कि click-through rate (CTR), conversion rate, और Cost-Per-Click (CPC) की समीक्षा करें। यदि किसी Ad या keyword का प्रदर्शन अपेक्षा से कम है, तो उसे सुधारने की जरूरत हो सकती है।
A/B टेस्टिंग का इस्तेमाल करके आप विभिन्न Ad copy variations का परीक्षण कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सी सबसे प्रभावी है। इसके साथ ही, Negative keywords का सही उपयोग करना भी आवश्यक है, ताकि आपकी Ads केवल relevant सर्चेस के लिए ही दिखें।
Bidding strategy और Budget allocation को भी समय-समय पर अपडेट करें। Smart Bidding जैसे टूल्स का उपयोग करके आप अपने Bids को Automatically optimize कर सकते हैं।
इस तरह की नियमित ऑप्टिमाइज़ेशन से आपकी ऐड्स अधिक Relevant और EpLAGIARISMDETECTOR.NET/HIffective बनती हैं, जिससे ROI (Return on Investment) में सुधार होता है और आपका ऐड कैंपेन बेहतर परिणाम देता है।
Conclusion
इस ब्लॉग में, हमने आपको बताया कि कैसे आप अपने Google Ads अकाउंट को अनलॉक कर सकते हैं। यह समझना जरूरी है कि अकाउंट अनलॉक करने के लिए सही कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां दिए गए 10 बेस्ट सीक्रेट्स आपको इस प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने में मदद करेंगे।
सही जानकारी भरें।
नियम और शर्तों का पालन करें।
अकाउंट वेरिफिकेशन समय पर करें।
सही पेमेंट मेथड जोड़ें।
गूगल की पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें।
किसी भी गलती को तुरंत सुधारें।
गूगल की सहायता टीम से संपर्क करें।
अकाउंट से जुड़े सभी नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ें।
अपनी विज्ञापन रणनीति को अपडेट करें।
सब्र रखें और सही प्रोसेस का पालन करें।
इस ब्लॉग से रिलेटेड कोई सवाल है तो आप कमेंट्स में पूछिए मैं आपको उत्तर देने का प्रयास करूँगा। नमस्ते मैं हूँ बलबीर सिंह जाखड़ डिजिटल मार्केटिंग कोच। अगर आप मेरे से डिजिटल मार्केटिंग सीखना चाहते है तो निचे दिए गए रजिस्टर बटन को क्लिक करके मेरे वेबिनार में जुड़िये।
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FAQs
Q: Google Ads Account क्या होता है?
Ans: Google Ads Account एक ऑनलाइन एडवरटाइजिंग प्लेटफ़ॉर्म है जिससे बिज़नेस अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ को प्रमोट करते हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म से आप अपने ऐड्स को गूगल सर्च रिज़ल्ट्स में दिखाते हैं।
Q: Google Ads Account कैसे बनाये?
Ans: Google Ads Account बनाने के लिए आपको Google Ads की वेबसाइट पर साइनअप करना होता है, वहाँ बिज़नेस की डिटेल्स भरनी होती हैं और फिर कैंपेन क्रिएट करना होता है।
Q: Google Ads Account में कीवर्ड्स कैसे सेलेक्ट करें?
Ans: कीवर्ड्स सेलेक्ट करने के लिए आपको ऐसे शब्द या फ्रेज़ चुनने होते हैं जो आपकी टारगेट ऑडियंस सर्च करती है। इसके लिए आप कीवर्ड रिसर्च टूल्स का उपयोग कर सकते हैं।
Q: कन्वर्ज़न ट्रैकिंग कैसे काम करता है?
Ans: कन्वर्ज़न ट्रैकिंग आपको बताता है कि कितने यूज़र्स ने आपकी ऐड देखने के बाद कोई एक्शन लिया, जैसे कि वेबसाइट पर विजिट करना या प्रोडक्ट पर्चेज करना।
Q: Google Ads Account का बजट कैसे मैनेज करें?
Ans: Google Ads Account ऐड कैंपेन का बजट मैनेज करने के लिए आपको अपने गोल्स के हिसाब से डेली या मंथली बजट सेट करना होता है। आप मैन्युअल या ऑटोमेटेड बिडिंग का उपयोग करके अपनी Ads का स्पेंडिंग कंट्रोल कर सकते हैं।
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